दिल जितना ही घायल होगा
और उतना हि पागल होगा ।
आवेश मे क्यु है आसमान
बरसता तो वो बादल होगा ।
धुन्धला हि सहि पर तुझको
याद तो गाँव का पिपल होगा ।
बचपन गुजरी हो जहाँ कभी
आँखो से कब कैसे ओझल होगा ।
याद आती होगी,रोती होंगी माँ
बहता आँखो से काजल होगा ।
दीवानगी मे जिन्दा है सदियाँ
इश्क़ में मिले तो इक पल होगा ।
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